लाँकडाउन-39
संसदीय कार्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह एक निजी कंपनी का 'भाभी जी' पापड़ को लांच करते दिख रहे हैं. दरअसल, इस वीडियो में पापड़ को लांच करते वक्त वह यह कहते दिख रहे हैं कि आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत कोरोना वायरस की इस लड़ाई में इम्युनिटी को विकसित करने में यह पापड़ मदद पहुंचाएगा.
दरअसल, कोरोना वायरस काल में कई देसी कंपनियां स्वास्थ्य को बेहतर रखने और इम्युनिटी डेवलप करने के मकसद से दवाओं से लेकर खाने-पाने की चीजों को लेकर बाजार में आ रही हैं.
ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस ने कोरोना वायरस के तीन लक्षणों को चिन्हित किया है.इन लक्षणों का अंदाज़ा होते ही आपको सचेत होना है और तमाम एहितायात बरतने होंगे, जिसमें चिकित्सीय सलाह लेना भी शामिल है.
क्या हैं ये तीन लक्षण
लगातार खांसी का आना- इस कारण लगातार खांसी हो सकती है यानी आपको एक घंटे या फिर उससे अधिक वक्त तक लगातार खांसी हो सकती है और 24 घंटों के भीतर कम से कम तीन बार इस तरह के दौरे पड़ सकते हैं. लेकिन अगर आपको खांसी में बलग़म आता है तो ये भी चिंता की बात हो सकती है.बुख़ार- इस वायरस के कारण शरीर का तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है जिस कारण व्यक्ति का शरीर गर्म हो सकता है और उसे ठंडी महसूस हो सकती है.
कंपनी ने कहा है कि फैविटॉन एक एंटीवायरल दवा है जो कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने में कोरोना मरीजों की मदद करेगी। ब्रिंटन फार्मा के सीएमडी राहुल कुमार दर्डा ने कहा, 'इस समय दवा की जरूरत सभी को है। हम चाहते हैं कि ये दवा देश के हर कोरोना मरीज को मिले। हम इसे हर कोविड सेंटर पर पहुंचाएंगे। हमारी दवा की कीमत भी केवल 59 रुपये है जो काफी सस्ती है।' ये दवा उन मरीजों के लिए काफी प्रभावी साबित हो सकती है जिन्हें कोरोना का हल्का या मध्यम दर्जे का संक्रमण है।
ब्रिंटन फार्मास्यूटिकल्स ने बताया कि भारत में फैविपिराविर को पहली बार नियामक प्राधिकरणों ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के तहत इस साल जून में अनुमति दी थी। बयान में कहा गया है कि कंपनी इस दवा को भारतीय बाजार में उपलब्ध कराएगी साथ ही वह इस दवा का आयात भी करेगी। फैविटॉन फुजिफिल्म तोयामा केमिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड की दवा एविगान का जेनरिक संस्करण है।
घातक कोरोना वायरस के खात्मे के लिए वैक्सीन (corona vaccine) बनाने का काम जोर-शोर से चल रहा है। देसी कोरोना वैक्सीन 'कोवेक्सीन' (corona covaxin) भी ट्रायल स्टेज पर है। आज से देश में बनी कोविड वैक्सीन का ट्रायल एम्स में भी शुरू हो जाएगा। आईसीएमआर और भारत बायोटेक(icmr bharat biotech covid vaccine) ने मिलकर कोवेक्सीन को बनाया है। कुल 12 सेंटर्स में इसका ट्रायल चल रहा है।आज से दिल्ली के एम्स में भी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो गया है। कोवैक्सीन के ट्रायल का पहला डोज 30 साल के स्वस्थ्य व्यक्ति को दिया गया है। पहले फेज में 375 वॉलंटियर्स को कोवैक्सीन दी जाएगी। दिल्ली के एम्स अस्पताल में 100 वॉलंटियर्स पर कोवैक्सीन का ट्रायल होना है, इनमें से पहले 50 लोगों को वैक्सीन दी जाएगी।देसी कोरोना वैक्सीन 'कोवेक्सीन' ट्रायल एम्स में शुरू हो चुका है। जानकारी के मुताबिक, एम्स में कोवेक्सीन ट्रायल का पहला डोज 30 साल के हेल्थी वोलेंटियर को दियाया गया। पहले दिन 5 वॉलंटियर्स का वैक्सीनेशन होगा। कुल 10 मरीजों पर वैक्सीनेशन के बाद इनकी सेफ्टी का रिव्यू होगा। उसके बाद ट्रायल को आगे बढ़ाया बताया जा रहा है कि एम्स में वैक्सीन के ट्रायल के लिए क्लीनिकल एरिया तैयार किया गया है। यह एरिया इमरजेंसी के पास बनाया गया है, ताकि वैक्सीन का तत्काल कोई रिएक्शन हो तो वॉलंटियर्स को तुरंत इलाज उपलब्ध कराया जा सके। यह वैक्सीन दो डोज में दी जाएगी, इसलिए 24 जुलाई को जिन-जिन लोगों को वैक्सीन दी जाएगी, उन्हें 14 दिन बाद दूसरा डोज दिया जाएगा।एम्स में चल रहे वैक्सीन ट्रायल के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉ. संजय राय ने कहा कि पूरी उम्मीद है कि शुक्रवार को 5 वॉलंटियर्स को वैक्सीन दी जाए। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के फेज-1 के ट्रायल में 100 लोगों को शामिल किया जाना है। इसके तहत शुरुआत में 10 लोगों को ही वैक्सीनेशन करेंगे। उनकी रिपोर्ट वैक्सीनेशन की निगरानी कर रही एथिक्स कमेटी को भेजी जाएगी। कमेटी के रिव्यू के बाद वैक्सीनेशन प्रोग्राम को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन का काम भी साथ-साथ चल रहा है। अब तक 3500 लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। सभी को अलग-अलग डेट में एम्स बुलाया जा रहा है और स्क्रीनिंग के लिए सैंपल लिए जा रहे हैं।
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