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40 नजर उठाओ तो खौफ का, मंजर नजर आता है। झील सी आंखो मे, समन्दर नजर आता है।             ठहरी सी है जिन्दगी,            कोरोना के भय से।            घर मे भी मौत का,            बवंडर नजर आता है। जो हाथ रोजी रोटी, कमाते थे काम कर के। वही हाथ आज डरा सहमा,  घर के अंदर नजर आता है।             राम जाने क्या होगा आगे,             असमंजस नजर आता है।             क्या दिन थे वह भी सकून के,              आज बंजर नजर आता है। पशुपति नाथ सिंह की यह कविता कोरोना के ख़ौफ़ की बानगी है भारत अब मौत के मामले में भी छठे नम्बर पर पहुँच गया है और छत्तीसगढ़ में लाकडाउन छः अगस्त तक बढ़ा दी गई है दुनियाभर में कोरोना वायरस का तांडव जारी है. पिछले 24 घंटे में दुनिया में 2.12 लाख नए मामले सामने आए, जबकि 3989 लोगों की मौत हो गई. कोरोना संक्रमण के आंकड़ों पर नजर रख रही वेबसाइट वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, दुनियाभर में अबतक एक करोड़ 66 लाख से ज्यादा संक्रमण के मामले आ चुके हैं, जबकि मरने वालों की संख्या साढ़े 6 लाख के पार पहुंच गई है. अभी तक 6 लाख 55 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. वहीं इस बीमारी से ठीक होने वाले मरी

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39 अब रोज़ पचास हज़ार। हाँ भारत में कोरोना का आँकड़ा ऐसा ही बढ़ रहा है और इस रफ़्तार ने लोगों मे भय पैदा कर दिया है । सत्ता किस क़दर इससे भाग रही है वह खुलकर सामने आने लगा है। यहाँ तक कि पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओ पर भी ध्यान देने की बजाय सत्ता अपने में मशगूल है। गुजरात में कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है. अब तक गुजरात में कोरोना वायरस से 2,326 लोगों की मौत हो चुकी है. यह आंकड़ा देश के दूसरे कई राज्यों में कोरोना से होने वाली में मौतों से ज्यादा है. गुजरात में कुछ ऐसे भी मामले सामने हैं, जिनमें इलाज से पूरी तरह ठीक होने के बाद मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी, लेकिन बाद में उनकी मौत हो गई. हाल ही में ऐसा ही एक मामला सूरत में सामने आया, जिसमें सूरत म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन द्वारा संचालित सीमर अस्पताल में इलाज के बाद एक 70 वर्षीय महिला को छुट्टी दे दी गई थी. उसकी कोरोना जांच की रिपोर्ट भी निगेटिव आ चुकी थी, लेकिन घर पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई. इस घटना से मृतक का परिवार सदमे में है. डॉक्टर भी इस महिला की मौत से हैरान हैं. इसके अलावा अहमदाबाद में भी ऐसा मामला कुछ दिन पहले सामने

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38 चीन के वुहान से निकला कोरोना वायरस हर दिन अपना रूप बदल रहा है। कोरोनावायरस अब कान में भी हो सकता है। कोरोनावायरस कान और इसके पीछे वाली मेस्टॉयड हड्डी को भी संक्रमित कर सकता है। इसके 2 मामले अमेरिकी शोधकर्ताओं के सामने आए हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, रिसर्च के दौरान 3 संक्रमित मृतक में से 2 के कान और इसके पीछे वाले हिस्से में कोरोनावायरस मिला है। कोरोनावायरस शरीर के अंदरूनी किसी भी हिस्से तक पहुंच सकता है। यह नाक, गला और फेफड़ों को संक्रमित कर सकता है। कान में कोरोना के मिलने की बात चौंकाने वाली है। भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण विकराल रूप लेता जा रहा है. देश में संक्रमितों की संख्या अब 13 लाख के पार पहुंच गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में अबतक 13 लाख 36 हजार 861 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से 31,358 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 8 लाख 49 हजार ठीक भी हुए हैं. चार लाख 56 हजार लोगों का अस्पताल में इलाज जारी है. पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 48 हजार 916 नए मामले सामने आए और 757 लोगों की मौतें हुईं. कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भ

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37 कोरोना नाम की लूट है, लूट सके तो लूट! की तर्ज़ पर आजकल हर कोई आपदा को अवसर में बदलने की कोशिश में लगा है। चूँकि कोरोना को लेकर विश्व स्वस्थ संगठन में भी रोज़ नए नए गाइड लाईन आ रहा है इससे लूट करने वालों को मौक़ा भी मिलने लगा है । जबकि केंद्र सरकार ने राज्यों पर ज़िम्मेदारी डालकर निश्चिन्त हो गई है. और कोरोना का क़हर लगातार बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ के 12 जिलों में अब लॉकडाउन हो गया है। बालोद और राजनांदगांव में भी शुक्रवार से सब बंद कर दिया गया। जांजगीर में कल से और कोंडागांव में 25 जुलाई से लॉकडाउन होगा। इन सबके बीच कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। बावजूद इसके लोग नहीं माने रहे। रायपुर में पुलिस ने बर्थडे पार्टी मनाते एक प्राइवेट बैंक की डिप्टी मैनेजर सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं अंबिकापुर में नियमों को तोड़ने पर 21 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।  संसदीय कार्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह एक निजी कंपनी का 'भाभी जी' पापड़ को लांच करते दिख रहे हैं. दरअसल, इस वीडियो में पापड़ को लांच करते वक्त वह यह कहते दिख

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36 कोरोना को लेकर जिस तरह से रोज़ नई नई ख़बरें आ रही है वह भी हैरान - परेशान करने वाली है । राज्यों की बदहाल होती स्थिति के बीच केंद्र सरकार की इस पर चुप्पी से लोगों की नाराज़गी सोशल मीडिया पर साफ़ देखी जा रही है । लेकिन सत्ता की रईसी तो अपना एजेंडा पूरा करने में ही लगी है ।  भारतीय वैज्ञानिकों का भी मानना है कि वायु प्रदूषण का कोरोना की उच्च मृत्यु दर से सीधा संबंध है। हवा में प्रति घन मीटर एक माइक्रोग्राम पीएम कणों की बढ़ोतरी से कोरोना से मृत्यु का खतरा आठ फीसदी तक अधिक हो जाता है। क्लाईमेट ट्रेंड द्वारा आयोजित एक वेबिनार में गुरुवार को विशेषज्ञों ने हार्वड यूनिवर्सिटी और इटली में हुए शोधों से सहमति जताई। लंग केयर फाउंडेशन के डॉ. अरविंद कुमार ने कहा कि विश्व के तमाम देशों में इस प्रकार के शोध हुए हैं। इटली में हुए ताजा शोध के मुताबिक पीएम 2.5 में हर एक माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर की वृद्धि के साथ कोविड 19 से मृत्यु का खतरा आठ फीसदी तक बढ़ सकता है। कुमार ने कहा कि इस बीच राहत की बात यह है कि तालाबंदी से हवा साफ है इसलिए फेफड़ों से जूझते मरीजों का थोड़ी राहत मिली है। लेकिन जैसे ही यह ख

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35 अब भाजपा के बड़े बड़े नेता कहने लगे हैं कि लॉकडाउन कोरोना का इलाज नहीं है लेकिन वे भूल जाते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने ही इस देश पर अचानक लॉकडाउन लादा था । और ये सब आनन फ़ानन में इसलिए किया था ताकि मध्यप्रदेश में सरकार बनाने का लोभ को दबाया जा सके । जिस सत्ता ने इन छः सालों में केवल अपनी रईसी की परवाह करते हुए कई पीयुसी बेच दी और राज्यों की सत्ता हासिल करने सत्ता की ताक़त और नफ़रत की राजनीति को प्रमुखता दी उससे आम लोगों की हित की बात ही बेमानी है । जबकि अभी भी ऐसी घटनाएँ हो रही है जो सत्ता के चरित्र पर सवालिया निशान है।  कोरोना के खौफ की एक घटना राजधानी रायपुर में मंगलवार सुबह देखने को मिली। जहां एक वृद्ध महिला पड़ी हुई थी। जिसके बाद राहगीरों ने इसकी सूचना पुलिस और 108 एंबुलेंस को दी। खबर मिलते ही एंबुलेंस घटना स्थल पर पहुंच गई. लेकिन महिला को ले जाने से इनकार कर दिया। कर्मचारियों  ने कहा-जब तक महिला की कोरोना जांच नहीं हो जाती, हम उसको उठाकर एंबुलेंस में नहीं ले जा सकते हैं। वृद्ध तड़पती रही और दर्द से कहारती रही, लेकिन एंबुलेंस कर्मचारियों ने उसको छुआ तक नहीं। इसके बाद वह खाली गाड

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34 केंद्र का अनलॉक कई राज्यों को भारी पड़ने लगा था और कोरोना के घातक रफ़्तार को देखते हुए कई राज्यों में लॉकडाउन शुरू हो गया था । लेकिन केंद्र सरकार अब भी अपने रईसी के बाहर नहीं निकल रही थी । उसे न ख़राब होती अर्थव्यवस्था की चिंता थी और न ही मौत के बढ़ते आँकड़ो का ही परवाह था। बिगड़ते हालात से आम लोग चिंतित थे और वे ही अपील जारी कर रहे थे कि ज़रूरत हो तो ही घर से निकलो। भारत में कोरोना से संक्रमितों की संख्या 11.50 लाख को पार कर गई है। देश में पिछले तीन दिनों से लगातार 34 हजार से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन  के बयान ने देश की चिंता बढ़ा दी है। आईएमए का कहना है कि भारत में कोरोना शुरू हो चुका है, जिसके मतलब है कि आगे हालात और ज्यादा खराब हो सकते हैं। एएनआई से बात करते हुए आईएमए (हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया) के अध्यक्ष डॉ वीके मोंगा ने कहा, 'यह अब घातक रफ्तार से बढ़ रहा है। हर दिन मामलों की संख्या लगभग 30,000 से अधिक आ रही है। यह देश के लिए वास्तव में एक खराब स्थिति है। कोरोना वायरस अब ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रहा है, जो की एक बुरा संकेत है। इससे पता चल